THE CARAVAN KHOONI JUNG

199.00

युगों से रक्तपिपासु पिशाचों का एक समूह भारतीय रेगिस्तानों पर नौटंकी एवं सर्कस का वेष धरे भ्रमण करता आ रहा है । वे असंदेही गाँववालों को अपने आहार हेतु लुभाते हैं जिसकी चकाचौंध से अंधे होकर गाँववाले उन्हें अपने गाँव में मृत्यु का तांडव करने का निमंत्रण दे देते हैं ।

199.00

Add to cart
Buy Now
WANT TO BUY PRINTED EDITION, CLICK HERE
Categories: Tags:

1976 में ‘दरिंदे’ कहे जाने वाले चम्बल के एक असाधारण राक्षसी डकैत गिरोह की नज़र चम्बल के सबसे समृद्ध एवं शक्तिशाली गाँव ‘देवगढ़’ पर है, जिसकी रखवाली का जिम्मा उठाया है ‘ठाकुर सूर्य प्रताप सिंह’ और उनकी बेटी ‘मधुराक्षी’ ने…और मधुराक्षी से लगाव के कारण फॉरेस्ट ऑफिसर ‘अविनाश’ भी इन दोनों का दिलोजान से साथ देता है। पर दरिंदों का सरदार भेड़िया खान मधुराक्षी का परिवार, उसका गुरुर, उसका सम्मान, उसका सबकुछ बर्बाद कर देता है। अब मधुराक्षी के जिंदगी का सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है, ‘भेड़िया खान से बदला’। अब मधुराक्षी को पता है कि दरिंदे कोई साधारण इंसान नहीं बल्कि शैतान हैं…और एक शैतान को मिटाने के लिए मधुराक्षी आह्वाहन करती है दुसरे शैतान का…दो शैतानों के इस महायुद्ध से जन्मे ‘खूनी-जंग’ से क्या मधुराक्षी का बदला पूरा होगा? या युद्ध के भ्रामक दुष्परिणाम छीन लेंगे उसका सबकुछ और झुलसा देंगे उसकी उम्मीद?

Writer

Shamik Dasgupta

Artist

Gaurav Shrivastav

Color artist

Prasad Patnaik

No of Pages

128

Binding

Paperback

Language

Hindi